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शेष शैया पे विराजमाम भीष्म पितामह ने जब देखा की पांडवो के साथ भगवन श्री कृष्ण भी आखरी समय पर उनसे मिलने आये हे तो पितामह ने भगवन की वंदना की और बोले प्रभु आपको यहाँ आकर मूझ पर बहुत कृपा की।
शेष शैया पे विराजमाम भीष्म पितामह ने जब देखा की पांडवो के साथ भगवन श्री कृष्ण भी आखरी समय पर उनसे मिलने आये हे तो पितामह ने भगवन की वंदना की और बोले प्रभु आपको यहाँ आकर मूझ पर बहुत कृपा की।
प्रभु मुझे याद हे की आपने केवल मेरे संकल्प का मान रखने के लिये अपना संकल्प तोड़ते हुए युद्ध में हतियार उठाये थे। जिसके पसीने की एक बूँद गिरने से पूरी त्रिलोकी हिल जाती हे उनके पूरे शारीर को मैने अपने शस्त्रों से लहुलोहान कर दिया था और आप मुझ पर हमला करने के लिए मेरे पिछे दौड़े थे।
प्रभु आप से तो भय भी थर थर काँपता हे फिर भी जब आप माखन की मटकी तोड़ दिया करते थे और यशोदा माता की मार की डर से छुप जाते थे और कई बार तो मार पड़ने पर आपके आसु की नन्ही बूंदे जब धरती पर गिरती थी तो धरती माता भी आपने पर गर्व् करती थी। कितने मनोहर पल थे वे जिनमे आप जिसके भय से भय भी थर थर कापता हे यशोदा माता की मार के डर से यहाँ वहाँ छुप जाते थे।
प्रभु आप मुझ पर कृपा करे।